5 SIMPLE STATEMENTS ABOUT पारद शिवलिंग EXPLAINED

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग Explained

5 Simple Statements About पारद शिवलिंग Explained

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शिवरात्रि विशेष : पारद शिवलिंग का महत्व - प्रितेश मिश्र

सैकड़ों गायों के दान हज़ारों स्वर्ण मुद्राओं के दान तथा चारों तीर्थों को जो पुण्य मि..

इसकी स्थापना शुक्रवार के दिन ब्रह्म मुहूर्त में अथवा दिवाली और नवरात्री मे करें।

It is believed that acquiring an individual parad shivalingam and worshipped will bestow around the worshiper lots of blessings.

शालिग्राम को स्थापित करते हुए तुलसी के पैधे की भी पूजा करें, अन्यथा बिना तुलसी के शालिग्राम की पूजा करने पर दोष लगता है।

The Parad Shivling is a robust help in meditation. Meditating before the Parad Shivling improves focus, calms the mind, and can help in attaining greater states of consciousness.

पारद के इस लिंग की महिमा का वर्णन कई प्राचीन ग्रंथों में जैसे कि रूद्र संहिता, पारद संहिता, रस्मर्तण्ड ग्रन्थ, ब्रह्म पुराण, शिव पुराण आदि में पाया गया है।

पारद शिवलिंग की पूजा करने से भगवान शिव और माता पार्वती का आशीर्वाद प्राप्त होता है।

इस शिवलिंग की पूजा करने से सकारात्मक ऊर्जा का विकास होता है और नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है।

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पारद श्री यंत्र को स्थापित करने की विधि:



सर्वप्रथम प्रतिमा को गंगाजल एवं कच्चे दूध से नहलाएं।

पुराणों के अनुसार पारद शिवलिंग का महत्व

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